बुधवार, 26 मई 2010

युवावस्था में मालिश जरूरी

 
Health Care Tips

प्रतिदिन तेल मालिश करने से बुढ़ापे के लक्षण, थकावट और वायु नष्ट होती है।

दृष्टि निर्मल होती है, शरीर पुष्ट होता है, आयु बढ़ती है, नींद अच्छी आती है।

त्वचा निर्मल, चमकीली और झुर्रीरहित होती है एवं शरीर सुदृढ़ बना रहता है।

जिस प्रकार तेल के लेप से घड़ा, तेल लगाने से चमड़ा, गाड़ी के पहिए का अक्ष यानी धुरी (एक्सिल) या लाठी आदि पदार्थ मजबूत और रगड़ को सहने की क्षमता वाले हो जाते हैं।

उसी प्रकार शरीर पर तेल की मालिश करने से त्वचा दृढ़ और सुन्दर होती है, शरीर मजबूत होता है।

वातजन्य रोग नहीं होते तथा शरीर में श्रम, व्यायाम और क्लेश सहने की शक्ति आती है।

तेल मालिश करने से त्वचा चिकनी, स्पर्श में कोमल, बलवान और देखने में सुन्दर हो जाती है।

शरीर सुन्दर, बलवान और प्रियदर्शी होता है तथा बुढ़ापे के लक्षण कम प्रकट होते हैं।

युवावस्था में यूँ तो स्वाभाविक रूप से त्वचा सुंदर होती है लेकिन इसी उम्र में मुँहासों की समस्या भी सिर उठाती है। अत: अपनी त्वचा की प्रकृति को समझ कर तेल का चयन करें।

नित्य नियमपूर्वक मालिश करके इसके गुण-लाभ देखें जा सकते हैं। हमारे शरीर के स्वास्थ्य, रूप और यौवन पर मालिश का अच्छा प्रभाव पड़ता है।

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